कभी शीत, कभी ग्रीष्म, तो कभी बारिशें कई बार हुई दरार पैदा करने की साजिशें, जाने कितनी ही बार हुई संस्कारों की नींव को कभी खोखला होने ना दिया हमने प्रेम के गहरे ताप से ही, मज़बूत "रिश्तों की दीवार" हुई!! Challenge-152 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) "हम लिखते रहेंगे" प्रतियोगिता में भाग लेने और अपनी टीम बनाने के लिए पिन की हुई पढ़िए :) #रिश्तोंकीदीवार #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️