जब विकल्प शून्य रहता है, समझौता करना पड़ता है, जबतक हिम्मत ताकत रहती, इंसाँ मनमानी करता है, जिन्हे भरोसा नहीं कर्म पर, निर्विकल्प होकर मरता है, अनुभव और विश्वास में अंतर, समझे नहीं यही जड़ता है, सहज सरल है जीवन जिसका, भवसागर निश्चित तरता है, भक्ति मार्ग सदा श्रेयस्कर, पिता स्वयं हाथ धरता है, अंधकार में दीप जलाकर, मन के कष्ट सकल हरता है, 'गुंजन' दृढ़संकल्प राह की मुश्किलात में बल भरता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #समझौता करना पड़ता है#