याद है तुम्हें वो पहला दिन,
जब मैं सड़कों पर भटका करता था।
तुम्हारे बारे में सोचकर,
मैं मन ही मन हंसता रहता था।
तुम खूबसूरत लगती थी। जैसे कही की राजकुमारी, इसलिए मेरा अपना मन, दिन रात सुबह शाम, चौबीसों घंटे तुम्हारे आसपास ही भटका करता था।
#Society#सुनील