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पड़ रही धूप थी मेरी आखों पर, मैं कैसे रोकता। सोया

 पड़ रही धूप थी मेरी आखों पर, मैं कैसे रोकता।
सोया था छत पे  बिन कम्बल के,मैं कैसे ओढ़ता।
मां बोलती उठ जा बेटे अब कितना सोएगा,
सोने की वज़ह कोई मां को बता देता।
by.saatvikor..❤️

©saatvikor
  #sayri ❤️ कैसे रोकता ❤️
sachinkumar5094

sachin kor

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#sayri ❤️ कैसे रोकता ❤️ #शायरी

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