यादें हैं उलझनें नहीं, यूँ मिनटों में सबकुछ कैसे भुलाओगे? अंगुठी लौटा रहे हो! लौटा दो, मगर जनाब! निशान कैसे मिटाओगे? Nishan kaise Mitaoge?