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यादें हैं उलझनें नहीं, यूँ मिनटों में सबकुछ कैसे

यादें हैं उलझनें नहीं,
यूँ मिनटों में सबकुछ
 कैसे भुलाओगे?
अंगुठी लौटा रहे हो!
लौटा दो,
मगर जनाब!
निशान कैसे मिटाओगे? Nishan kaise Mitaoge?
यादें हैं उलझनें नहीं,
यूँ मिनटों में सबकुछ
 कैसे भुलाओगे?
अंगुठी लौटा रहे हो!
लौटा दो,
मगर जनाब!
निशान कैसे मिटाओगे? Nishan kaise Mitaoge?