बादलों के झुरमुटों से छा रही हमारे दिल पे आज की सुहानी भोर, देखो! खुशियाँ भरी दुआएं ला रहीं हैं यह हवाएं नई आशाएं जागी, देखो! हे ज़िन्दगी! तेरे दायरे में हम, तो क्या! हे ज़िन्दगी! तू ना समझ हमें कम! हे ज़िन्दगी! अपने होंसलों के दम पर! लिख रहे नई कहानी, देखो! उसकी मेरी अपनी ज़बानी, देखो! बदल रहें हैं हम और यह ज़िन्दगी बदल रही अब तो बदल रहा समाँ. प्यार से रोक कर बढती नफरतों को बना रहे युवा नया जहाँ. चाह से, परवाह से एकता की शान से दोस्ती के मान से एक दुसरे के सम्मान से दुश्मनी, नफरतें छोड़ आये हम पिछले किसी मोड़ पर, अब तो ज़िन्दगी जी रहे इधर जिंदादिली ओड़ कर. देख ज़िन्दगी! तेरे दायरें में हम पर, ज़िन्दगी! किसी हार से न हारे हम! आह ज़िन्दगी! नई रौशनी के धारे हम. नयी दिशा की नयी कहानी देखो! युवा दिलों की यह रवानी देखो लो! #अंतराष्टीय युवा दिवस ©पूर्वार्थ #युवादिवस स