शाम ढलते ही हर रोज़ जेहन में तेरा ही ख़्याल होता है
इश्क़ में खता कहां हुई हमसे, बस यही सवाल होता है
यूं तो तूफानों से निकाल लाये थे हम कश्ती इश्क़ की
किनारे पर पहुंच कर डूब जाने का मलाल होता है
#निहार_गोरखपुरी#शाम PREETI AGGARWAL @Kartik Shukla@Shivedita Garg Priya dubey @Sam Khan