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सबको लगता है कि तुम्हारे सहारे बैठा हूँ, ये मुझे प

सबको लगता है कि तुम्हारे सहारे बैठा हूँ,
ये मुझे पता है कि मैं आग किनारे बैठा हूँ।
तेरे लहजे में जो नर्मी दिखती है हर किसी को,
मैं उस सर्द हवा में जलते शरारे बैठा हूँ।

मुझसे पूछो, ये ख़ामोशी कितनी गहरी है,
मैं अपने जज़्बात के तूफ़ाँ उतारे बैठा हूँ।
मेरा हर शेर तेरा ही तर्जुमा करता है,
तेरी बेरुख़ी के पहलू सँवारे बैठा हूँ।

तू मसीहा बने, हर कोई ये चाहता है,
और मैं अपने ज़ख्मों को सितारे बैठा हूँ।
इश्क़ था, इबादत थी, या गुनाह-ए-बेमिसाल,
मैं आज भी उसी जुर्म के इकरारे बैठा हूँ।

©UNCLE彡RAVAN #Dark
सबको लगता है कि तुम्हारे सहारे बैठा हूँ,
ये मुझे पता है कि मैं आग किनारे बैठा हूँ।
तेरे लहजे में जो नर्मी दिखती है हर किसी को,
मैं उस सर्द हवा में जलते शरारे बैठा हूँ।

मुझसे पूछो, ये ख़ामोशी कितनी गहरी है,
मैं अपने जज़्बात के तूफ़ाँ उतारे बैठा हूँ।
मेरा हर शेर तेरा ही तर्जुमा करता है,
तेरी बेरुख़ी के पहलू सँवारे बैठा हूँ।

तू मसीहा बने, हर कोई ये चाहता है,
और मैं अपने ज़ख्मों को सितारे बैठा हूँ।
इश्क़ था, इबादत थी, या गुनाह-ए-बेमिसाल,
मैं आज भी उसी जुर्म के इकरारे बैठा हूँ।

©UNCLE彡RAVAN #Dark