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वर्षा हवा चली शनै शनै बादल आए घने घने कुछ काले

वर्षा
हवा चली शनै शनै 
बादल आए घने घने
कुछ काले कुछ भूरे बादल
ओड रखी हो जैसे धूल की चादर
बिजली भी अब कड़कने लगी है
गर्मी भी अब भड़कने लगी है
गर्मी ने भयंकर रूप लिया है
वर्षा का संकेत दिया है
हवा भी अब तेज हुई है
पौधों को भी सहलाने लगी है
कान लगाकर सुनते पौधे 
अब कब वर्षा हो रही है
तभी कहीं से बूंद गिरी
पौधे के चेहरे पर मुस्कान खिली
वर्षा तो अब हो कर रहेगी
आनंद की अब लहर बहेगी
खुशनुमा समा चारों तरफ होगा
मत पूछो तब आलम कैसा होगा
शीत की तब लहर बहेगी
गर्मी की तब तपन मिटेगी
वर्षा की तब झड़ी लगी है
मगन होकर सब आनंदमई है
झूम रहे हैं नाच रहे हैं
मस्ती में सब गा रहे हैं
वर्षा हो गई धूल थम गई
नमस्कार प्रभू आपकी लीला हो गई

देवेश दीक्षित वर्षा
वर्षा
हवा चली शनै शनै 
बादल आए घने घने
कुछ काले कुछ भूरे बादल
ओड रखी हो जैसे धूल की चादर
बिजली भी अब कड़कने लगी है
गर्मी भी अब भड़कने लगी है
गर्मी ने भयंकर रूप लिया है
वर्षा का संकेत दिया है
हवा भी अब तेज हुई है
पौधों को भी सहलाने लगी है
कान लगाकर सुनते पौधे 
अब कब वर्षा हो रही है
तभी कहीं से बूंद गिरी
पौधे के चेहरे पर मुस्कान खिली
वर्षा तो अब हो कर रहेगी
आनंद की अब लहर बहेगी
खुशनुमा समा चारों तरफ होगा
मत पूछो तब आलम कैसा होगा
शीत की तब लहर बहेगी
गर्मी की तब तपन मिटेगी
वर्षा की तब झड़ी लगी है
मगन होकर सब आनंदमई है
झूम रहे हैं नाच रहे हैं
मस्ती में सब गा रहे हैं
वर्षा हो गई धूल थम गई
नमस्कार प्रभू आपकी लीला हो गई

देवेश दीक्षित वर्षा
deveshdixit4847

Devesh Dixit

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वर्षा