तिमिर रात है, चीख पुकार है भोर की आस है, अब बन्द हो करुण क्रंदन दुःखों की विदाई हो ना बिछड़ने की बात हो फिर हो एक नया सवेरा साथ में पुरवाई हो फिर वही गान हो चेहरे पर मुस्कान हो चिड़ियों की चहक हो फूलों की महक हो सभी निरोग हों फिर उसी भोर की आस है ©santoshi das pandey #covid19 #korona #koronawith2020 #India