झुकता हुआ तन बुझता हुआ मन देख रहा अंतिम बार दर्पण निहार रहा सूरत 🤳 उदास आत्मा को निहार दर्पण ही पूछ रहा कहां किया जीवन को अर्पण ? सवाल अनुत्तरित रहा क्योंकि दिल का आत्मा पर सदा अनैतिक अधिकार रहा जिस गली से गुजरना थी उस गली से सदा अनजान रही गलत मंजिल के पथ की हमेशा दावेदार रही ✍️कमल भंसाली #NojotoQuote 👉दर्पण का सवाल👈✍️कमल भंसाली