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कुछ ख़ामोशी सी छायी है अश्क़ पलकों पर सवार ख़ाब लायी

कुछ ख़ामोशी सी छायी है 
अश्क़ पलकों पर सवार ख़ाब लायी है 
नैन द्वार में उम्मीदों की बहार आयी है 
शायद ज़िन्दगी लौट आयी है 
मगर ,इस लम्हे का घमंड न कर
ऐ ग़ालिब 
क़तरा क़तरा तेरा वापस मिट जायेगा 
जो तू फिर गिरा ,तो इस बार न उठ पायेगा 
तो खा क़सम, की तू हथियार नहीं डालेगा 
कुछ भी हो जाये मगर तू अब हार न मानेगा ....

©Binit Kumar Jha
  कुछ ख़ामोशी सी छायी है 
अश्क़ पलकों पर सवार ख़ाब लायी है 
नैन द्वार में उम्मीदों की बहार आयी है 
शायद ज़िन्दगी लौट आयी है 
मगर ,इस लम्हे का घमंड न कर
ऐ ग़ालिब 
क़तरा क़तरा तेरा वापस मिट जायेगा 
जो तू फिर गिरा ,तो इस बार न उठ पायेगा
binitkumarjha5840

kavya_shaili

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कुछ ख़ामोशी सी छायी है अश्क़ पलकों पर सवार ख़ाब लायी है नैन द्वार में उम्मीदों की बहार आयी है शायद ज़िन्दगी लौट आयी है मगर ,इस लम्हे का घमंड न कर ऐ ग़ालिब क़तरा क़तरा तेरा वापस मिट जायेगा जो तू फिर गिरा ,तो इस बार न उठ पायेगा #Motivation #Inspiration #poem #kavita #कविता #hindipoetry #काव्यशैली #kavyashaili #kavya_shaili #काव्य_शैली

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