शीर्षक - अनकही बातें दिनांक - 27/05/2023 बिखरता सारा आशियाना पलभर में होती मुलाकातें, फिर अनकही बातें। हर वक्त तन्हा गुजरता जहां, हसीन वादियां देखें जमाना, फिर अनकही बातें। पलभर बिखरता ये संसार, कब कहा किस वक्त हो बातें फिर अनकही बातें। जीवन का हर पल बिखरता जैसे हर दिन हर घड़ी जब, फिर अनकही बातें। बेखबर बेवक्त बेकार नहीं, करता जिससे फरियाद है फिर अनकही बातें। लगता हर पल हर पहर बैचेन करता यह जहां फिर अनकही बातें। ©Hardik Mahajan #Remember #अनकही_बातें #स्वचरितरचना #मेरीकलमसे✍️ #नोजोटोहिंदी #कविता #हार्दिकमहाजन