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ना सुबहो-रात की जरूरत है, ना ही हाथों में ज़ाम चाह

ना सुबहो-रात की जरूरत है, ना ही हाथों में ज़ाम चाहिए!
बस एक कप चाय, एक कलम, मेरी डायरी, और एक सुहानी शाम चाहिए!
Ansar...  #Ansar मै और मेरी शायरी...
ना सुबहो-रात की जरूरत है, ना ही हाथों में ज़ाम चाहिए!
बस एक कप चाय, एक कलम, मेरी डायरी, और एक सुहानी शाम चाहिए!
Ansar...  #Ansar मै और मेरी शायरी...