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मेरी आँख से आंसुओं को पोंछते हुए एक दिन तुम्ही

मेरी  आँख से  आंसुओं को
पोंछते हुए  एक दिन
तुम्ही ने कहा था
"मैं  हूं ना "
उलझती  गाँठें ज़ब और भी उलझी थीं
तब भी  तुम्ही  ने कहा था
"मैं हूँ ना "
फिर एक दिन  उत्तर  सभी मिल गए. और 
उलझने भी सुलझ. गई
और तब मैंने  सर्वस्व अपना तुम्हे  सौंप दीया था
तब तुमने  होठो से नही.... अपने  अंतस की
प्रेमिल  संवेदनाओ  से  मुखरित किया था
" मैं  हूँ ना "

©Parasram Arora मैं  हूं ना?
मेरी  आँख से  आंसुओं को
पोंछते हुए  एक दिन
तुम्ही ने कहा था
"मैं  हूं ना "
उलझती  गाँठें ज़ब और भी उलझी थीं
तब भी  तुम्ही  ने कहा था
"मैं हूँ ना "
फिर एक दिन  उत्तर  सभी मिल गए. और 
उलझने भी सुलझ. गई
और तब मैंने  सर्वस्व अपना तुम्हे  सौंप दीया था
तब तुमने  होठो से नही.... अपने  अंतस की
प्रेमिल  संवेदनाओ  से  मुखरित किया था
" मैं  हूँ ना "

©Parasram Arora मैं  हूं ना?

मैं हूं ना?