" तुम्हें पाने की तमन्ना बार - बार कई बार की मैंने , तु ना मिली तो क्या हुआ तेरी जुस्तजू वेशबर ही रखेंगे , वेशक ना मिल तु इस ख्याल से तेरी आरजू तमाम करेंगे , अब कोई हो मेरे पहलू में मुहब्बत तेरी इस नाम ही से करेंगे . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " तुम्हें पाने की तमन्ना बार - बार कई बार की मैंने , तु ना मिली तो क्या हुआ तेरी जुस्तजू वेशबर ही रखेंगे , वेशक ना मिल तु इस ख्याल से तेरी आरजू तमाम करेंगे , अब कोई हो मेरे पहलू में मुहब्बत तेरी इस नाम ही से करेंगे . " --- रबिन्द्र राम