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जो हाथ प्यार और आशीर्वाद के लिए उठते हैं, वही हाथ

जो हाथ प्यार और आशीर्वाद के लिए उठते हैं,
वही हाथ रक्षा करने के लिए खून में भी डूबते हैं। 
कोई उसे ऊँचाईयों में जाकर ढूंढता है, 
कोई शायद दिन में एक बार उसे याद कर लेता है। 
वह तो सबको देखती है, बिना किसी शर्त के, 
उसी के दायरे में है सब, चाहे वह स्वर्ग के हो या नर्क के। 
जहाँ भरोसा है उसका ज़िंदा, वहाँ डर की गुंजाइश नहीं, 
जहाँ डर का डेरा है, वहाँ भरोसे की गुज़ारिश नहीं।

©Ananta Dasgupta #anantadasgupta #devi #durga #Day3
जो हाथ प्यार और आशीर्वाद के लिए उठते हैं,
वही हाथ रक्षा करने के लिए खून में भी डूबते हैं। 
कोई उसे ऊँचाईयों में जाकर ढूंढता है, 
कोई शायद दिन में एक बार उसे याद कर लेता है। 
वह तो सबको देखती है, बिना किसी शर्त के, 
उसी के दायरे में है सब, चाहे वह स्वर्ग के हो या नर्क के। 
जहाँ भरोसा है उसका ज़िंदा, वहाँ डर की गुंजाइश नहीं, 
जहाँ डर का डेरा है, वहाँ भरोसे की गुज़ारिश नहीं।

©Ananta Dasgupta #anantadasgupta #devi #durga #Day3