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किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्त

किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्तों, दरसल छोटी सी इस उम्र में परेशानिया बहुत हैं, मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं ज़माने में,  बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझ पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने में

©Salim Saha
  #do time ka roti kamane mein
salimsaha8944

Salim Saha

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#Do time ka roti kamane mein #शायरी

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