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हर बार के अवकाश ने अवकाश लेकर जब कहा छोड़कर घर फिर

हर बार के अवकाश ने
अवकाश लेकर जब कहा
छोड़कर घर फिर से जा
आना कभी पर आज जा
फिर मिलूगा कब जरा 
जा देख हाथ की रेखा
कभी सिसकती मां पीछे
थी कभी सिसकता बेटा
लेकिन मैं सब कसक लिए
ना पीछे मुड़कर देखा
आना जाना ही जीवन है
यही है लेखा जोखा

©दीपेश
  #byebye #चलतेचलते