Nojoto: Largest Storytelling Platform

रिश्तों में फासला ... वो दौर था कुछ अलग जब पूरी क

 रिश्तों में फासला ...
वो दौर था कुछ अलग जब पूरी कायनात करबला था 
मै मुर्दों में ढूंढता रहा जिंदगी जब रिश्तों में फासला था

उजाले की चाहत में, लड़ता रहा जिंदगी भर अंधेरों से
यूँ ही वक्त की चाहत ने बेहतर बना दिया रिश्ता गैरों से 

माना  की  मौत  बेहतर  था जिंदगी  से दिल टूटने पर
जनाब गम - ए - सैलाब भी आया था उम्मीद टूटने पर 

घुटन महसूस होने लगी जब सांसों पे लगा पहरा था 
मौत  खड़ी थी चौखट पे मगर मेरा बुलंद हौसला था 
 
उड़ गया  पंछी जब तन से तो खाली पड़ा घोसला था
मन निहारता रहा खुबशुरत बदन को जो अधजला था 

वो दौर था कुछ अलग जब पूरी कायनात करबला था 
मै मुर्दों में ढूंढता रहा जिंदगी जब रिश्तों में फासला था

©Dr.Gopal sahu
  #Hum #तुम #रिश्तोमें #फासले