Find the Best फासले Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutफासले भी है दरमियां, जिंदगी से कई फासले हैं, फासले meaning in hindi, जिंदगी से कई फासले, फासले का अनुमान लगाना,
Dr.Gopal sahu
रिश्तों में फासला ... वो दौर था कुछ अलग जब पूरी कायनात करबला था मै मुर्दों में ढूंढता रहा जिंदगी जब रिश्तों में फासला था उजाले की चाहत में, लड़ता रहा जिंदगी भर अंधेरों से यूँ ही वक्त की चाहत ने बेहतर बना दिया रिश्ता गैरों से माना की मौत बेहतर था जिंदगी से दिल टूटने पर जनाब गम - ए - सैलाब भी आया था उम्मीद टूटने पर घुटन महसूस होने लगी जब सांसों पे लगा पहरा था मौत खड़ी थी चौखट पे मगर मेरा बुलंद हौसला था उड़ गया पंछी जब तन से तो खाली पड़ा घोसला था मन निहारता रहा खुबशुरत बदन को जो अधजला था वो दौर था कुछ अलग जब पूरी कायनात करबला था मै मुर्दों में ढूंढता रहा जिंदगी जब रिश्तों में फासला था ©Dr.Gopal sahu #Hum #तुम #रिश्तोमें #फासले
Sanjay Ni_ra_la
ये फासले जो हैं दरमियान तेरे मेरे कुछ सिलवटें जो हैं तेरे मेरे.... कुछ लकीरें मिट नहीं पाईं जो खींच गई थी हाथों में तेरे मेरे ©Sanjay Ni_ra_la #फासले
Vishakha shrivastav
कुछ फासले तुम भी तो मिटाओ हम तुम तक आए भी तो कहां तक आए ©Vishakha shrivastav #फासले
Matangi Upadhyay( चिंका )
मैं धुंध सा हल्का, हवा में फैला हुआ, क्या भरोसा कल का, सवेरा हुआ न हुआ, ये पेड़ मुझ धुंध में भी, खड़े ही रहे, वो भी अड़ियल, अड़े ही रहे, हम धुंध ही सही, दिल बड़ा है, हमारा, चलो रास्तों से तुम्हारे हट ही जाते हैं, याद रखना गर मिलने की चाह हो, तो कितने भी फासले हों, घट ही जाते हैं।। ©Matangi upadhyay (चिंका) फासले घट ही जाते हैं 🤗🤗 #matangiupadhyay #nojotohindi #Nojoto #myshayri #mywords #Mountains #फासले #goodnight
फासले घट ही जाते हैं 🤗🤗 #matangiupadhyay #nojotohindi #myshayri #mywords #Mountains #फासले #GoodNight
read moreSarita Shreyasi
जब तलक वह दूर है, तब तलक ही खास है, नज़दीकियाँ बढ़ जायें बहुत फिर खासियत दिखती नहीं, वो पास है या खास है, ये फैसला जरूरी हो, फिर फासले अच्छे लगते हैं। #फासले अच्छे लगते हैं
#फासले अच्छे लगते हैं
read moreRabindra Kumar Ram
" एक सफ़र पे हैं , जाने कौन सा मुकम्मल ख्वाब मिले , रोज़ तेरी आरजू में कुछ फासले तय करने हैं , ज़िन्दगी ले चल तू जहां मेरी आरज़ू में तेरी जूस्तजु हैं. " --- रबिन्द्र राम " एक सफ़र पे हैं , जाने कौन सा मुकम्मल ख्वाब मिले , रोज़ तेरी आरजू में कुछ फासले तय करने हैं , ज़िन्दगी ले चल तू जहां मेरी आरज़ू में तेरी जूस्तजु हैं. " --- रबिन्द्र राम #सफ़र #मुकम्मल #ख्वाब #फासले
Rabindra Kumar Ram
" बात कुछ ठहरी सी हैं जो कि गुमसुम गुमनाम हैं , ये मंजिले इश्क की कौन सी हैं वेशक तो साथ है तेरे साथ नहीं आ सकते , कर कोई फ़ैसला इस तहरीर पे मैं भी तु भी है , काश कि हमारे बीच के फासले कुछ कम कर सके ." --- रबिन्द्र राम Pic: self " बात कुछ ठहरी सी हैं जो कि गुमसुम गुमनाम हैं , ये मंजिले इश्क की कौन सी हैं वेशक तो साथ है तेरे साथ नहीं आ सकते , कर कोई फ़ैसला इस तहरीर पे मैं भी तु भी है , काश कि हमारे बीच के फासले कुछ कम कर सके ." --- रबिन्द्र राम
Pic: self " बात कुछ ठहरी सी हैं जो कि गुमसुम गुमनाम हैं , ये मंजिले इश्क की कौन सी हैं वेशक तो साथ है तेरे साथ नहीं आ सकते , कर कोई फ़ैसला इस तहरीर पे मैं भी तु भी है , काश कि हमारे बीच के फासले कुछ कम कर सके ." --- रबिन्द्र राम
read moreRabindra Kumar Ram
" एक पल में कहीं तु मिल तो सही , तेरे फासले दरकिनार करना चाहते हैं , अब हसरतें जो भी रही बेख्याली में , हम अब इसे एक नाम देना चाहते हैं ." --- रबिन्द्र राम " एक पल में कहीं तु मिल तो सही , तेरे फासले दरकिनार करना चाहते हैं , अब हसरतें जो भी रही बेख्याली में , हम अब इसे एक नाम देना चाहते हैं ." --- रबिन्द्र राम #पल #फासले #दरकिनार #हसरतें #बेख्याली #नाम
पूर्वार्थ
फासलें... ----------- हमारे दरमियाँ बस इतना-सा फासला है,जितना कभी-कभी गोधूलि पर होता है, चाँद और एक तारा के बीच..। बस इतना-सा फासला,जो सिंदूरी शाम की आभा में, छत से क्षितिज की ओर झाकता हुआ,तुम्हारी यादों में निमज्जित होकर, मैं अभी मेहसूस कर रहा हूँ, एक-दूसरे से दूर,एक-दूसरे में लीन, एक-दूसरे से तटस्थ,एक-दूसरे में स्थित, इन दो तन्मय खगोलीय नक्षत्रों के बीच। मानो प्रकृति हमारी दशाओं को अपनी छटा में उतार कर, अपनी भाषा में यह कह रही है, कि वो हमारी तड़प, चाहत और मोहब्बत की, अमूर्त पूकार को कितना समझती है! देखो न! प्रकृति का यह प्रतीकात्मक नजारा, हमारे प्रेम और फासले की,कैसी अलौकिक अभिव्यक्ति है? ऐसा लग रहा है,मैं तुममें, तुम मुझमें उतर रही हो, और इन दूरियां के बावजूद,मैं, मैं कहाँ हूँ, तुम, तुम कहाँ हो। ओह! आदमी के भीतर का प्रेम,कितना खूबसूरत होता है! जिसे धरती-आकाश,सूर्य, तारे, नक्षत्र, चंद्रमा, नदी, पहाड़,झरने, खेत-खलिहान,सब सहारा देते हैं। जैसे ये चाँद और तारे, और खेतों में झूमती हरियाली पर, गोधूलि के सुनहरे छींटे, मुझे सहारा दे रही है। ©पूर्वार्थ #फासले