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प्रशासन का पृष्ठ 1 से आगे शेष भाग …..... अभी मुख

प्रशासन का पृष्ठ  1 से आगे  शेष भाग ….....
अभी मुख्यमंत्री जी एक झंझट से निपटे ही थे कि
किसी दूसरे पत्रकार ने छाप दिया एक लेख !
उन्होंने प्रदेश की सड़कों पर किया भयंकर पटाक्षेप !
कि किस तरह गाड़ियां सड़कों पर डोलती हैं
शायद चर-चर करके अपने घावों की परेशानी को
बोलती हैं 
किस तरह गड्ढ़ों वाली सड़कों में गाड़ियां आपस
में गले मिल जाती हैं 
किस तरह गाड़ी बनाने वाली कंपनियों की तक़दीर खिल जाती है ।
लगता है प्रशासन गाड़ी बनाने वाली कंपनियों से कमीशन खाता है 
शायद इसी लिए सही सड़कें नहीं बनाता है ।
दूसरे दिन जैसे ही मंत्री जी ने उठाया जैसे ही अखबार 
मोटे-मोटे अक्षरों में दर्ज था आलोचक का समाचार
पढ़ा तो बुरी तरह हड़बड़ाए ।
आपात मीटिंग में अपने सहयोगी बुलवाये ।
बोले- इसबार तुम झुका के रहोगे पार्टी के झंडे !
शायद तुम समझ नहीं पा रहे हो विपक्ष के हथकंडे !
अखबार में लिखा है सड़कों की हालत बहुत खराब है !
क्या तुम लोगों के पास इसका कोई जबाब है ?
रुपए खाओ मगर कुछ काम करके भी दिखाओ !
ऐसा नहीं कि पूरी की पूरी योजना का पैसा डकार जाओ !
अतः  आनन फानन में एक फंड पास करवाया गया
प्रशासकीय गलियारों के रास्ते फंड उक्त क्षेत्र को भिजवाया गया ।
मंत्रियों का का एक व्यापक स्पर्श भी उक्त क्षेत्र का करवाया गया । 
अखबारों में इसे प्रशासन का तूफानी दौरा बताया गया ।
फंड भी उक्त क्षेत्र तक पहुंचते-पँहुचते हो गया जीरो
प्रशासन फिर बन गया हीरो
अखबार की मोटी पंक्तियां सबने पढ़ीं 
मगर सड़कें नहीं बनी ।
आज भी आम आदमी बहुत बदहाल है 
केवल प्रशासन खुशहाल है ।

यशपाल सिंह "बादल

©Yashpal singh badal प्रशासन (व्यंग) भाग-2

#WorldAsteroidDay
प्रशासन का पृष्ठ  1 से आगे  शेष भाग ….....
अभी मुख्यमंत्री जी एक झंझट से निपटे ही थे कि
किसी दूसरे पत्रकार ने छाप दिया एक लेख !
उन्होंने प्रदेश की सड़कों पर किया भयंकर पटाक्षेप !
कि किस तरह गाड़ियां सड़कों पर डोलती हैं
शायद चर-चर करके अपने घावों की परेशानी को
बोलती हैं 
किस तरह गड्ढ़ों वाली सड़कों में गाड़ियां आपस
में गले मिल जाती हैं 
किस तरह गाड़ी बनाने वाली कंपनियों की तक़दीर खिल जाती है ।
लगता है प्रशासन गाड़ी बनाने वाली कंपनियों से कमीशन खाता है 
शायद इसी लिए सही सड़कें नहीं बनाता है ।
दूसरे दिन जैसे ही मंत्री जी ने उठाया जैसे ही अखबार 
मोटे-मोटे अक्षरों में दर्ज था आलोचक का समाचार
पढ़ा तो बुरी तरह हड़बड़ाए ।
आपात मीटिंग में अपने सहयोगी बुलवाये ।
बोले- इसबार तुम झुका के रहोगे पार्टी के झंडे !
शायद तुम समझ नहीं पा रहे हो विपक्ष के हथकंडे !
अखबार में लिखा है सड़कों की हालत बहुत खराब है !
क्या तुम लोगों के पास इसका कोई जबाब है ?
रुपए खाओ मगर कुछ काम करके भी दिखाओ !
ऐसा नहीं कि पूरी की पूरी योजना का पैसा डकार जाओ !
अतः  आनन फानन में एक फंड पास करवाया गया
प्रशासकीय गलियारों के रास्ते फंड उक्त क्षेत्र को भिजवाया गया ।
मंत्रियों का का एक व्यापक स्पर्श भी उक्त क्षेत्र का करवाया गया । 
अखबारों में इसे प्रशासन का तूफानी दौरा बताया गया ।
फंड भी उक्त क्षेत्र तक पहुंचते-पँहुचते हो गया जीरो
प्रशासन फिर बन गया हीरो
अखबार की मोटी पंक्तियां सबने पढ़ीं 
मगर सड़कें नहीं बनी ।
आज भी आम आदमी बहुत बदहाल है 
केवल प्रशासन खुशहाल है ।

यशपाल सिंह "बादल

©Yashpal singh badal प्रशासन (व्यंग) भाग-2

#WorldAsteroidDay