वो भी तो एक परी थी अभी खिलना बांकी था उसका वो तो एक नन्ही कली थी छोटे-छोटे रुनझुन करते पायल और छोटी कलाई में रंगबिरंगी चूड़ियाँ कितना सलोना था मुखड़ा उसका वो जो बिटिया थी जादू की पूड़िया थी अब ना आएगी,आँगन में ना ही गूँजेगी उसकी किलकारी ख़ुदा भी डरेगा उसे जन्म देने को उस ख़ुदा को क्या पता था उसका ही बनाया आदमजात उसकी बिटिया को ही डंसेगा ए जालिम बता ना क्या उसमें तुम्हे अपनी बेटी की शक्ल नहीं दिखी थी क्या तुम्हारा जन्म उसका दिया उधार नही था फिर तुमने उसका ऋण ऐसे चुकाया था उसकी त्रासदी में तुम्हे सुकून मिला था कुछ पलों के मजे के लिए तूने तोड़ डाली रंगीन चूड़ियां आखिर क्यों नोच डाले उसकी माथे की बिंदियां और क्यों उसकी चीखों के बीच खो गयी उसकी पायल की रुनझुन और खो गयी वो नन्ही परी -अभिषेक राजहंस वो नन्ही परी #Nojotohindi #Nojoto