कोहरा तेरे मेरे रिश्ते पर कोहरा सा जमा है, न जाने कब धूप खिलेगी... सपनो में,यादों में कभी मुलाकात हो भी जाती है, रूबरू न जाने कब मिलेगी। और कोहरे की तरह सर्द और बेजान हो गई है जिंदगी.. न जाने कब प्यार की बारिश होगी और पुरवाई चलेगी। KK. Ajay जिंदगी पर जमा कोहरा #हिंदी #शायरी KK.Ajay