मैं आंखों में धूप लेकर चलूंगा , मेरे हिस्से की शाम तुम ले आना ; मैं इस शहर से बहुत दूर मिलूंगा , मेरे हिस्से का सामान तुम ले आना ; कभी-कभी थक जाऊं रास्ते में तो , मेरे हिस्से का आराम तुम ले आना ; कभी-कभी मेरा दिल ना लगे तो , मेरे हिस्से का इत्मिनान तुम ले आना ; जिंदगी की कश्मकश से निकलने की , कश्मकश में फस गया हूं अब मैं ; किसी रोज कही भीड़ में गुम गया तो , मेरे अंदर का इंसान तुम ले आना ; मैं अपने हिस्से की ज़मीन लेके चलूंगा , और तुम मेरे हिस्से का आसमान ले आना.... ©Vibhu Karn बस तुम मिलने आना... #Love #films #Shayar #romance #Zindagi #story #Life #Movies #alone