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यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है। हमें तो लगता है ज

यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है।
हमें तो लगता है जैसे मर जाती है।।

खुदा आपकी आँखें सलामत रक्खे।
इन आँखों में दुनिया नज़र आती है।।

है ख्वाईश ज़ुल्फ संवारूँ मुकद्दर सा।
और फिर यूँ दोनों बिखर जाती है।।

मेरा क्या वुज़ूद मैं महज़ एक 'फ्रेम' हूँ,
हर रोज जहाँ नई तस्वीर उतर आती है।।

कि दौड़ता है मन सड़को पर बच्चे सा।
मानो ये सड़क उसके शहर जाती है।। यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है।
हमें तो लगता है जैसे मर जाती है।।

कि दौड़ता है मन सड़को पर बच्चे सा।
मानो ये सड़क उसके शहर जाती है।।
©neerajthepoet 
#neerajthepoet 
#तन्हाई #शहर #आँखें
यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है।
हमें तो लगता है जैसे मर जाती है।।

खुदा आपकी आँखें सलामत रक्खे।
इन आँखों में दुनिया नज़र आती है।।

है ख्वाईश ज़ुल्फ संवारूँ मुकद्दर सा।
और फिर यूँ दोनों बिखर जाती है।।

मेरा क्या वुज़ूद मैं महज़ एक 'फ्रेम' हूँ,
हर रोज जहाँ नई तस्वीर उतर आती है।।

कि दौड़ता है मन सड़को पर बच्चे सा।
मानो ये सड़क उसके शहर जाती है।। यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है।
हमें तो लगता है जैसे मर जाती है।।

कि दौड़ता है मन सड़को पर बच्चे सा।
मानो ये सड़क उसके शहर जाती है।।
©neerajthepoet 
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यूँ भीड़ में तन्हाई किधर जाती है। हमें तो लगता है जैसे मर जाती है।। कि दौड़ता है मन सड़को पर बच्चे सा। मानो ये सड़क उसके शहर जाती है।। ©neerajthepoet #neerajthepoet #तन्हाई #शहर #आँखें #Shayari #nojotoofficial #nojotohindi #शायरी #ग़ज़ल #nojotoapp #NojotoWriter