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शायरी अपनो में वैगाना अपनो की महफ़िल थी, गमों

शायरी
 अपनो में वैगाना
 
अपनो  की महफ़िल थी,
गमों का खजाना ,
दिल में दर्द था,
 ना जाने क्यों हर अपना  लग रहा ,
बैगाना था।  


Meenakshi Sharma अपनो में बैगाना
शायरी
 अपनो में वैगाना
 
अपनो  की महफ़िल थी,
गमों का खजाना ,
दिल में दर्द था,
 ना जाने क्यों हर अपना  लग रहा ,
बैगाना था।  


Meenakshi Sharma अपनो में बैगाना

अपनो में बैगाना #शायरी