फ़ितरत-ए-इश्क़ से अनजान कहाँ है कोई इस नादान दिल का रहनुमा कहाँ है कोई हर लम्हों में अज़ीब सी तिश्नगी है 'कृष्णा' बेदर्द वक़्त की मार से डरे लम्हें है 'कृष्णा' ♥️ Challenge-689 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।