Nojoto: Largest Storytelling Platform

बादल के पिंजरे में चांद सभी से कहता है आंखे अपने ब

बादल के पिंजरे में चांद सभी से कहता है
आंखे अपने बंद करो तुम सो जाओ
मैं तो गम की चादर ओढ़े पिंजरे में सो जाऊंगा
लेकिन तुम तो जुगनू तारे बन कर कब तक यूं ही भटको गे
जितने गम मैं सहता हूं शायद तुम ना सह पाओ
रोज मैं कै दी बनता हूं 
रोज बरी हो जाता हूं,
मुझसे ज्यादा कोन दुखी है अंबर पर
सोचो और मेरे दुख में शामिल हो जाओ
क्यों की मैं चंदा हूं तेरे सपनों का
दिलशाद दिल सिकंदर पूरी

©Dilshad Dil sikandar puri
  चांद का पिंजरा

चांद का पिंजरा #शायरी

86 Views