"अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए। जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए। जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।" - गोपालदास नीरज जन्मदिन 04 जनवरी 1925 #gopaldasneeraj #neeraj_poetry