Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे ख्वाबों की ज़मीं को भी कोई मुकाम आस्मां मिलेग

मेरे ख्वाबों की ज़मीं को भी कोई मुकाम आस्मां मिलेगा।
देखो आज वक्त ऐसा है कल ना जानें कैसा मिलेगा।
फिर भी उम्मीद बरकार है 
कि यही उम्मीद  का कारवां एक दिन विश्वास में बदलेगा।

©अवधू प्रिया
  उम्मीदों का कारवां

उम्मीदों का कारवां #शायरी

244 Views