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Alone प्यार पे कैसा रंग ये आया तरुवर जैसे हो बि

Alone   प्यार पे कैसा रंग ये आया
तरुवर जैसे हो बिन छाया।।

उसकी रातें रो कर गुजरी।
दिन जिसने है बैठ गवाया।।

उसका चेहरा बोल रहा है।
उसने क्या है दर्द छुपाया।।

सोंच के उसको मैं मुस्काया।।
मुझको जिसने खूब रुलाया।।। 

दुनिया एक खिलौना है क्या।
जिसने दिल मेरा बहलाया।।

मैं पत्थर ही अच्छा रहता।।
क्यों तुमने ये चोट लगाया।।


नदी किनारे प्यास जा बैठी।
सूरज ने यूं सैलाब सुखाया।। #LafzRaipur #शायरी #Shayari #कविता #Anubhav
Alone   प्यार पे कैसा रंग ये आया
तरुवर जैसे हो बिन छाया।।

उसकी रातें रो कर गुजरी।
दिन जिसने है बैठ गवाया।।

उसका चेहरा बोल रहा है।
उसने क्या है दर्द छुपाया।।

सोंच के उसको मैं मुस्काया।।
मुझको जिसने खूब रुलाया।।। 

दुनिया एक खिलौना है क्या।
जिसने दिल मेरा बहलाया।।

मैं पत्थर ही अच्छा रहता।।
क्यों तुमने ये चोट लगाया।।


नदी किनारे प्यास जा बैठी।
सूरज ने यूं सैलाब सुखाया।। #LafzRaipur #शायरी #Shayari #कविता #Anubhav