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हैवानियत का दिया दर्द।। सुनो पूछो नही कोई हमसे उस

हैवानियत का दिया दर्द।।

सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।
अश्क आंखों में भर कर के गुजरती है मेरी राते।।
जब जब याद आती है शिहर सी मैं तो जाती हूं।
समझ कर गोस्त मेरे तन को,मुझे टुकड़ो में थे बाटे।।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

मुझे घेरा हिरन कह के,चिते सा मुझको घेरे थे।
सुनो ये दुनिया वालो तुम वो बेटे भाई तेरे थे।
लहू बहता रहा मेरा खंजर से बदन थे काटे।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

रही रोती बिलखती मैं,नही उनको दया आई।
किसी को बोलती चाचा,किसी को बोलती भाई।
सुन कर के भी मेरी आवाज,जिगर उनके नही फाटे।
रही रोती बिलखती मैं,नही उनको दया आई।

जरा उनको भी तो कह दो,बहन उनके भी घर मे है।
कँहा पढ़ते है ऐसा वो,कॉलेज उनके भी शहर में है।
निवाला एक नया उतरे गले से,सुखी रोटियां आटे।।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

©Anand Singh Paliwal Lut kar sab le gaye jinhe bus jism hasil tha.#sunkissed #दर्द #
हैवानियत का दिया दर्द।।

सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।
अश्क आंखों में भर कर के गुजरती है मेरी राते।।
जब जब याद आती है शिहर सी मैं तो जाती हूं।
समझ कर गोस्त मेरे तन को,मुझे टुकड़ो में थे बाटे।।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

मुझे घेरा हिरन कह के,चिते सा मुझको घेरे थे।
सुनो ये दुनिया वालो तुम वो बेटे भाई तेरे थे।
लहू बहता रहा मेरा खंजर से बदन थे काटे।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

रही रोती बिलखती मैं,नही उनको दया आई।
किसी को बोलती चाचा,किसी को बोलती भाई।
सुन कर के भी मेरी आवाज,जिगर उनके नही फाटे।
रही रोती बिलखती मैं,नही उनको दया आई।

जरा उनको भी तो कह दो,बहन उनके भी घर मे है।
कँहा पढ़ते है ऐसा वो,कॉलेज उनके भी शहर में है।
निवाला एक नया उतरे गले से,सुखी रोटियां आटे।।
सुनो पूछो नही कोई हमसे उस रात की बाते।

©Anand Singh Paliwal Lut kar sab le gaye jinhe bus jism hasil tha.#sunkissed #दर्द #