खाली कंधों पर अब थोड़ा सा भार चाहिए बेरोजगार घूम रहा है आज युवा यहाँ साहब उसे रोजगार चाहिए जेब में पैसे नहीं, डिग्री लिए फिरते हैं दिनोंदिन अपनी ही नज़रों में गिरते हैं कामयाबी के घर का अब तो खुला किवाड़ चाहिए बेरोजगार है युवा यहाँ साहब उसे रोजगार चाहिए हमें नहीं चाहिए करोड़ों की मुर्तियां, भवन और झूठे वादे- दिलासे हमें चाहिए बेहतरीन स्कूल, विश्वविद्यालय और उच्च स्तर के पुस्कालय रोजीरोटी कमाने का कोई तो ठिकाना चाहिए बेरोजगार घूम रहा है आज युवा यहाँ साहब उसे रोजगार चाहिए ©Harpinder Kaur # रोजगार चाहिए