तू बाँध ले अपने ईश्क़ की डोर से मुझे, आग लगे मेरी इस आज़ादी को। -लफ्ज़-ए-आशना "पहाड़ी" , ©दीक्षा गुणवंत तू बाँध ले अपने ईश्क़ की डोर से मुझे, आग लगे मेरी इस आज़ादी को। -लफ्ज़-ए-आशना "पहाड़ी"