मातृभूमि तू आज एक बृंदगान लिख, मां भारती के नाम की, एक पवित्र अनुष्ठान लिख, तरंगित करे हर प्राण को, ऐसा मधुरिम गान लिख, एक ताल में सब पग चलें, ऐसा कोई प्रस्थान लिख, राष्ट्र के निर्माण में, तू क्रांति का आह्वान लिख, तू देश का सम्मान लिख , तू आन लिख तू बान लिख, तू लक्ष्य का संधान लिख, तू गर्व लिख तू शान लिख, तू ज्ञान लिख विज्ञान लिख, तू एक धधकती आग है, तू राष्ट्र का उत्थान लिख, उत्साह से परिपूर्ण हो, तू राष्ट्र को गतिमान लिख, तू माँ भारती के पुत्र है, तू तिरंगा परिधान लिख, तू शक्ति लिख,शक्तिमान लिख, तू नित नए प्रतिमान लिख, तू शोध लिख,अनुसंधान लिख, तू प्रेम का दिनमान लिख, तू पूजा लिख तू अजान लिख, तू गीता लिख तू कुरान लिख, तू जनों को एक लिख, तू राष्ट्र को महान लिख । रचना- यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal' #मातृभूमि तू आज एक बृंदगान लिख, मां भारती के नाम की, एक पवित्र अनुष्ठान लिख, तरंगित करे हर प्राण को, ऐसा मधुरिम गान लिख, एक ताल में सब पग चलें, ऐसा कोई प्रस्थान लिख,