कितना उचित और कितना औचित्य ?? कितनी प्रथा और कितनी व्यथा ?? कितना मर्यादित और कितना विवादित ?? कितनी हिफाज़त और कितनी जहालत ?? कितनी पनाह और कितना निबाह ?? घूँघट ... कितनी छाँव और कितना दाँव ?? - अदिती कपीश अग्रवाल नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंगे। आज का शब्द ~ घूंघट नए महीने के नए कार्य पर हाथ आज़माने के लिए शुभकामनाएं!✨