इक्कस्वी सदी से अपेक्षाये हैं कि आदमी को मिलने वाले सुखो की चंचलता स्थायित्व और समृद्धि हासिल करें नदिया सभी स्त्रोतस्विनी बनी रहे ताकि किसान की फसलों में विपुलता आती रहे l . ताकि आदमियत मुक्त हो सभी उपद्रवो से ताकि देर रात में भी बिना विघ्न सभी कर्म होते रहे हवा में घुला ज़हर अमृतमय हो ताकि आदमी निशपाप हवा का आँचमन करे और उसका स्वास्थ्य बेहतर से बेहतर होता रहे ©Parasram Arora अपेक्षाये 21वी सदी से