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ओंस की बूँद पर सुनहरी किरण से तेरा ख्याल लिखा है ह

ओंस की बूँद पर सुनहरी किरण से तेरा ख्याल लिखा है
हवाओं की बनाकर कलम फूलों पर दिल का हाल लिखा है

ठहरी हूँ शरीर से मन में तेरे नाम की भटकन लिए फिरती हूँ
चूड़ी, बिंदी, काजल सब छोड़ा, तेरी याद का श्रृंगार करती हूँ

रह पाती तेरे बिन नहीं , हर पल तुझे साथ लिए चलती हूँ
होता नहीं बिछड़ना तुझसे, लोगों से मिलकर भी नहीं मिलती हूँ

गुनगुनाती हूँ तुझे, चाँद को छेड़ बनाई प्रेमधुन की सरगम
चांदनी हुई बोल अहसास के, वादियाँ ताल मिलाए हरदम 

जो बीता तुझमें उस हर लम्हें को मैंने कई साल लिखा है
बारिश को बनाकर रंग, पत्ते-पत्ते पर दिल का हाल लिखा है

न होगी खबर तुझे कि तुझे मैंने तुझसे छुपा कर पा लिया है
तुम बस कहते रहे कि तेरी आँख का काजल चुरा लिया है

पानी से बनकर पानी हो जाता है, प्रेम से भरा मैं बादल हूँ
समझ कर समझती नहीं जिसे दुनिया, मैं वो प्रेमी पागल हूँ 

पुजारिन हूँ या दीवानी हूँ, हूँ तो बस एक ज्योति सितारे की
प्रकाश हूँ या छवि हूँ, हूँ एक सरल पंक्ति या छंद प्यारे की

धरती पर आकाश कलम से छुपा हुआ तेरा सवाल लिखा है
इंद्रधनुष पर 'भानु' किरण कलम से दिल का हाल लिखा है

©भारती 'bhanu'
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