देखो वो आसमान के खुले कैनवस पर कूदरत की खूबसूरत अदाकारी, कोई शिल्प चित्रकार के हाथों से बना हो जैसे एक लुभावनी चित्रकारी! नारंगी है चेहरा उसका आंखों में है एक खुमारी मिलने को वो आई है हमसे कर उन बादलों की सवारी, स्तुति उसके मनमोहक रूपका कर रही देखो दुनिया सारी प्रशंसा और मैं करूँ क्या उसका है नूर ही इस सुबह का चमत्कारी!! देखो वो आसमान के खुले कैनवस पर कूदरत की खूबसूरत अदाकारी, कोई शिल्प चित्रकार के हाथों से बना हो जैसे एक लुभावनी चित्रकारी! नारंगी है चेहरा उसका आंखों में है एक खुमारी मिलने को वो आई है हमसे