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चलते चलते कितना दूर निकल आया एक ऐसे सपना है जिसे

चलते चलते कितना दूर निकल आया 
एक ऐसे सपना है जिसे मैने अपने दिल मे बसाया
अपने मन का करने अपनों को पिछे छोड़ आया
वो वक्त ही वैसा था कि मै सब छोड़ चला आया
कुछ यादें बस समेट पाया 
और उन छोटी छोटी यादों को साथ ले कर चला आया 
कुछ सोचा नहीं अच्छा बूरा मेरे ना उनके बारे
मे मै यूँ उदास मन के साथ बस चला आया

©kishan mahant #adventure nikal aaya
चलते चलते कितना दूर निकल आया 
एक ऐसे सपना है जिसे मैने अपने दिल मे बसाया
अपने मन का करने अपनों को पिछे छोड़ आया
वो वक्त ही वैसा था कि मै सब छोड़ चला आया
कुछ यादें बस समेट पाया 
और उन छोटी छोटी यादों को साथ ले कर चला आया 
कुछ सोचा नहीं अच्छा बूरा मेरे ना उनके बारे
मे मै यूँ उदास मन के साथ बस चला आया

©kishan mahant #adventure nikal aaya