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क्यों हवा चलने लगी है सर्द, मानों दिल में उठ रही ह

क्यों हवा चलने लगी है सर्द,
मानों दिल में उठ रही है दर्द,
जबसे दिल की बैट्री लगाई है,
लोग कहने लगे तू है बड़ा मर्द।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिंगेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE सर्द
क्यों हवा चलने लगी है सर्द,
मानों दिल में उठ रही है दर्द,
जबसे दिल की बैट्री लगाई है,
लोग कहने लगे तू है बड़ा मर्द।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिंगेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE सर्द