Nojoto: Largest Storytelling Platform
gunendrasinghpor1503
  • 30Stories
  • 132Followers
  • 861Love
    23.6KViews

GUNENDRA SINGH PORTE

मेरा नाम गुणेन्द्र सिंह पोर्ते है। मेरे पिता स्व.श्री हीरा सिंह पोर्ते है और माता श्रीमती हेमा बाई पोर्ते है। मेरा जन्म दिनांक इक्कीस अक्टूबर सन् उन्नीस सौ चौरासी है।मेरा जन्म गृहग्राम फिन्गेश्वर, तहसील-राजिम, जिला-गरियाबंद में हुआ। मैंने पढ़ाई-लिखाई बारहवीं कक्षा तक की। मुझे लेखन कार्य में रुचि है, गीत कविता शायरी लिखने का शौक है।

  • Popular
  • Latest
  • Video
1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

Unsplash ज़िन्दगी में हमारी कोई परवाह नहीं करते,
चोट हमको लग जाए तो आह नहीं करते।
भूल से भी एक अच्छी रचना बन जाए तो,
इस महफिल में कोई वाह-वाह नहीं करते।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिन्गेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE #Book
1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हम बच्चे जो समुद्र में लगाते गोते हैं,
चिड़िया उड़ गई उसके लिए रोते हैं।
बात समझ में हमें तब आती है यारों,
जब हम खुद ही बच्चे से बड़े होते हैं।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिन्गेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE #SunSet
1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset  हमें नहीं आता आलाप जपना,
अगर हकीकत हो जाता सपना,
ना जाने कितने हमारे दोस्त होते,
और किसी को बना लेते अपना।।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिन्गेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE #SunSet
1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

कोयला है सिर्फ एक,
मगर गुण है अनेक,
कोयला होता है काला,
मगर लाता है उजाला,
जहां कोयले का है जखीरा,
वहीं पे तो मिलता है हीरा,
कोयले से चलते हैं रेल,
इसमें नहीं लगता है तेल,
ठंड में पड़ जाये नरमी,
कोयले से आ जाए गरमी,
लगाले कोयले का टीका,
तो शुभ दिन होगा उसी का।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिंगेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE #GreenLeaves
1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

क्यों हवा चलने लगी है सर्द,
मानों दिल में उठ रही है दर्द,
जबसे दिल की बैट्री लगाई है,
लोग कहने लगे तू है बड़ा मर्द।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते अविराम कवि फिंगेश्वर

©GUNENDRA SINGH PORTE सर्द

सर्द #शायरी

1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

मैं तरू हूं,तू लता है,
यह बात सबको पता है।
मेरे सहारे ही तू शिखर चढ़ी हो,
फिर भी तू मुझसे क्यों खता है।।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़

©GUNENDRA SINGH PORTE
  लता है

लता है #शायरी

1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

मुझको वो तौफा अनमोल दो,
आज तो अपना मुंह खोल दो।
अगर मुझसे प्यार करते हो तो,
तुम आई लव यू ही बोल दो।।

रचनाकार -गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़

©GUNENDRA SINGH PORTE
  बोल दो

बोल दो #लव

1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

जब दिमाग की बत्ती गुल हो जाए,
अचानक उसने कहीं भूल हो जाए।
पहली मुलाकात में बात भले ही न बने,
तो दूसरी बार में हम कुबुल हो जाए।।।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़

©GUNENDRA SINGH PORTE
  कुबल हो जाए

कुबल हो जाए #शायरी

1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

अपने मेहबूबा को मैंने लिया खोज,
उनसे मुलाकात करता हरेक रोज।
एक गुलाब के फूल  को हाथों में देकर,
आई लव यू बोलके कर दिया प्रपोज।।

रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़

©GUNENDRA SINGH PORTE
  प्रपोज

प्रपोज #शायरी

1689938b0ba4cc9769da16b585ed0717

GUNENDRA SINGH PORTE

हम तो बैठे हैं अपने आसन पे,
पर आप तो बैठे हैं सिंहासन पे।
पटवारी आरआई बिक जाते हैं,
अरे धिक्कार है ऐसे प्रशासन पे।‌।
रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़

©GUNENDRA SINGH PORTE
  प्रशासन पे

प्रशासन पे #शायरी

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile