Unsplash तू हमें उन दिनों में क्यों नहीं मिला, जब ज़माना न इतना ख़फा था, न गिला। जब हमारी नज़र में थे ख्वाब नए, और दिल में था बस मोहब्बत का सिलसिला। वो गली, वो चौराहे बुलाते रहे, तेरे आने की आहट सुनाते रहे। हम खड़े थे वहीं बेसबब उम्र भर, तू मगर रास्ते ही बदलता रहा। आज मिलता तो शायद कुछ और बात थी, दर्द कम, और दिलों में मुलाकात थी। अब तो बस ये ग़म है, सवालों का बोझ, तू हमें उन दिनों में क्यों नहीं मिला? ©"सीमा"अमन सिंह #banarasi_Chhora