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-ऐसा क्यों होता है कि हर युद्ध पुरुष छेड़ता है, और

-ऐसा क्यों होता है कि हर युद्ध पुरुष छेड़ता है, और रोने के लिए स्त्रियाँ छोड़ दी जाती हैं। पूरी विधवा हो या आधी विधवा, अकेला बोझ उसके माथे।
-हर धर्म पुरुष बनाता है, और पालन की जिम्मेदारी औरत पे छोड़ देता है।
-संस्कृति की रखवाली का डंडा अपने हाथों में पकड़ कर पुरुष क्यों स्त्री को कैद कर देता है?
-और विभाजन चाहे घर का हो या देश का लड़ाई मर्दो के बीच ही होती है मग़र सबक एक दूसरे की स्त्री को ही सिखाई जाती है। चाहे घर-फोड़न/कुलच्छीनी बहू कहकर या एक दूसरे की औरत का बलात्कार कर के।

#फ़िर भी पुरुषत्व सिर नहीं झुकाता। देश, गौरव, राष्ट्रीयता, परंपरा की बात शान से कहता है। गाता है। गुनगुनाता है। 
     #Fact #YQdidi #YQbaba
-ऐसा क्यों होता है कि हर युद्ध पुरुष छेड़ता है, और रोने के लिए स्त्रियाँ छोड़ दी जाती हैं। पूरी विधवा हो या आधी विधवा, अकेला बोझ उसके माथे।
-हर धर्म पुरुष बनाता है, और पालन की जिम्मेदारी औरत पे छोड़ देता है।
-संस्कृति की रखवाली का डंडा अपने हाथों में पकड़ कर पुरुष क्यों स्त्री को कैद कर देता है?
-और विभाजन चाहे घर का हो या देश का लड़ाई मर्दो के बीच ही होती है मग़र सबक एक दूसरे की स्त्री को ही सिखाई जाती है। चाहे घर-फोड़न/कुलच्छीनी बहू कहकर या एक दूसरे की औरत का बलात्कार कर के।

#फ़िर भी पुरुषत्व सिर नहीं झुकाता। देश, गौरव, राष्ट्रीयता, परंपरा की बात शान से कहता है। गाता है। गुनगुनाता है। 
     #Fact #YQdidi #YQbaba
pratimatr9567

Vidhi

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