मैं टूटा हुआ काँच हूँ, आइना बन सकता हूँ तू मुझे संभाल के देख, कितनी मोहब्बत लिए फिरता हूँ तुम्हारे लिए, आजमा ले मुझे चाहे दिल निकाल के देख। मेरी सांसों मे बसे हो मेरी जिंदगी बन कर, तन्हा बैठ कर तू बस मेरा ख्याल कर के देख। मैं दोनों तरफा सिक्का तेरा हूँ यारा, अब शर्त मे तु मुझे एक बार उछाल के देख। @Vikram , ©Vikram Alwar Rajasthan भाई साहब जी के लिए