ऐसी क्या बात हुई जो अपनों से नाता टूटा क्यों हवाओं ने रुख मोड़ा। अब तो रोशनी ने भी नाता तोड़ा। क्यों गुम सूम हुई राते क्यों चांद भी हमको देख बदलो में छूप रहा । एक आखरी उम्मीद थी सितारों से मगर अब तो सितारों से भी साथ छूटा मै हारा नहीं हूं। क्युकी मै अभी टूटा नहीं। बस इंतजार है अपने वक़्त का तब हमसे अपने भी मिलेंगे रोशनी को भी हमसे हो कर गुजरना होगा हवाओं को भी झुक कर बेहना होगा। तब चांद भी शर्माएगा और तारे भी टीम टीमाऐॅगे जब पारी हमारी आएगी और फिर एक बार सिकंदर हम केहलाएंगे...✍️ विनय पांडे ©vinay pandey official🇮🇳 👑 #कवि #दूरदर्शन #काव्य #Emotion #भाव #Drops