'ऐ दिल ए गुलज़ार रोता है क्यूँ, अक्सर ऐसा होता है क्यूँ, वो हसरतें वो कारवाँ बीत गया वो अफ़साना ऐ दिल ए नादान तू रोता है क्यूँ, शिकवे बहुत पर लम्हे हसीन कुछ अपने कुछ बेगने यही फ़लसफ़ा जीवन का, ऐ दिल ए नादान तू रोता है क्यूँ तपती धूप और सरसराती हवा, बस चलता जा यह सफ़र है कठिन ऐ दिल ए नादान तू रुकता है क्यूँ..' ©navroop singh Dil E Nadaan