Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं मर गया तो शायद इन किताबों मिलूं, एक नजम बनकर


मैं मर गया तो शायद इन किताबों मिलूं,
एक नजम बनकर तेरे होठों पर खिलूं।

मुझे ढूंढने से बेहतर तुम मुझे महसूस करना,
शायद हवा की खुशबू में सिमटा हुआ मिलूंl

तुम मेरी लिखी हुई किताबों को गौर से पढ़ना,
मुमकिन है मै, मेरी तहरीर मे सलकता हुआ मिलूं,।

तुम मेरे लगाए हुए पेडों के पास कुछ देर बैठना,
शायद सर्दी मैं ठिठुरता,गर्मी में तपता हुआ मिलूं।

और हो सके तो मेरी बातें,मेरे लतीफे हमेशा याद रखना,
किसी दिन तेरे रोते चेहरे पर "हंसी" बनकर खिलूं।

©Rahul Rao
  मेरी चाहत
rahulrao2938

Rahul Rao

New Creator

मेरी चाहत #शायरी

244 Views